Saturday, December 25, 2010

देना ही है अगर

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मेरे सामने हमेशा रास्ता-ऐ-उल्फत रहा
शूल काँटें मेरी आहें अब और ना सता

गर जिल्लत ही देनी है मौला तो दे दे
रहम कर इज्जत के अलफ़ाज़ ना सुना

मौत ही बक्शी है जो तूने दर्दनाक तो
बहारे जिंदगी की झूठी राहें ना दिखा

Monday, December 13, 2010

तेरा मेरा कल, तेरा मेरा आज

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तुझसे अलग मैं, मुझसे तू थोड़ा दूर ज़रा था
खता ना तेरी ना मेरी, वक्त ही अलग सा था

था इश्क तेरे दिल में, और मेरे दिल में भी,
छाया था जो हम पर वो अब्र बदगुमानी का था

कड़कती बिजलियाँ, कहीं थी तेज आंधियाँ,
तेजाबी बारिश में कहीं कहीं दिल भी जला था

Sunday, November 28, 2010

हर क्षण द्वैतता का रण

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क्षत-विक्षत शरशैया पे लेटा भीष्म सा मन में,
और मैं ही लड़ता अजर अमर हरि सा रण में

ये मैं हूँ या कौन जो प्रेमपंख पर बैठा है,
कोई और है या मैं हूँ इस क्रोध भीषण में

व्यथित हो मैंने दूंढा उसे यहाँ वहाँ जाने कहाँ,
दुःख व्यर्थ, वो तो है समाया मेरे हर कण में

Wednesday, October 27, 2010

अनकहे लफ्ज़

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कभी कुछ तो कह पाऊँ खामोश हूँ कब से,
चुरा ले जाती हो क्यों मेरी नींद यूँ मुझ से

प्यार है बेइन्तेहाँ ये माना है मैंने,
हिम्मत ना जुटा पाया कि कह दूँ तुझ से

कोई ना जाने, हाले दिल जानूँ बस मैं,
चुप हूँ जब से प्यार का एहसास यूँ तुझ से

Sunday, October 17, 2010

Video Blog : तन्हा रास्ते

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Sunday, September 19, 2010

तेरे ख्यालों में

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समंदर की ताज तुम लहरें, कैसे तुम्हारा नसीब ना होगा
तैरोगी सरहदे समंदर, साहिल पे आके तुमको टूटना होगा |

मुझे दर्द ओ गम है, डर है तुमसे जुदाई का
डरता ना हो, ऐसा इस जहान में कोई इंसान ना होगा |

यूँ तो दिखलाता है बखूबी, कि तू पत्थर दिल है,
माने गर तेरी बात, सीने में धड़कन जैसा कुछ ना होगा |

पर उसमें भी है धड़कन, जो दिल तेरे सीने में हैं,
अब ज़ज्बात भरे हों जिसमें बेंतेहाँ, वो पत्थर ना होगा |

Saturday, September 18, 2010

कॉलेज का ज़माना

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वो भी क्या मस्ती का टाइम साला, क्या गफलत भरा ज़माना था
लेक्चरर को तंग कंरना तो बस, मस्ती का एक बहाना था

लड्डू बॉस,मिलिट्री ग्राउंड, रैगिग का शैशन, था इक बहाना,
वहीँ से बस एक जय-वीरू टाइप की दोस्ती को शुरू होना था |

कौशिक बॉस ने बहुत उड़ाया था, चील कौव्वे और कबूतर बना कर, 
अब ट्रिपल एस की क्लास में किसी को कुत्ता बिल्ली तो बनाना था |

भाई लेकिन यहाँ जान की परवाह तो सबको ही थी अपनी,
सो नो रिस्क,गोदारा की क्लास में सबको चुप बैठ जाना था

Thursday, September 9, 2010

तुझसे मोहब्बत है

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यूँ तो क्या था मैं, सिर्फ ज़र्रा ऐ ज़मीन,
खुद से पहचान, तेरे प्यार में खोकर किया हूँ |

सावन कितने आये जिंदगी में, रहा सहरा में,
तेरी मोहब्बत के सहारे, खुद को तर किया हूँ |

यूँ ठुकराया मुझको इस जहान ने, गम नहीं,
एक तेरे आगोशे मोहब्बत में, बसर किया हूँ |

सब दुःख तकलीफ,गम से तू दूर रहे,
ये दुआ मांगता हूँ,हर पल यही चाहत किया हूँ |

तेरे चेहरे पर हंसी खेलती रहे हमेशा,
खुद को फना, तेरी हंसी के दीदार पर किया हूँ |

Sunday, September 5, 2010

मंज़र-ऐ-जिंदगी

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मेरे इर्द गिर्द, ये मेरे आस पास
यूँ अचानक क्यूँ उड़ने लगी ख़ाक ख़ाक |

ये समां तो है सावन का फिर भी,
दिल क्यूँ जलने लगा, होने लगा राख राख |

मैंने तो बस इश्क किया, नहीं जुर्म कोई
फिर हर गली क्यूँ होने लगी मेरी बात बात |

Monday, August 30, 2010

देश परदेश - अपने पराये

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परदेस में बैठ कर, मेरा देश और अपना लगता है,
कभी सपनों को पूरा करना भी, एक सपना लगता है |

आये इतनी दूर यहाँ, कागज के टुकड़ों के खातिर,
खुद का जीवन, अब शाख से टूटा एक पत्ता लगता है |

खुद की आस, खुद की प्यास ना जाने कहाँ खो गयी,
चंद सिक्कों की भूख का असर दिल पे छाया लगता है |

Wednesday, July 21, 2010

जब इश्क मजबूर नज़र आता हो

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तूने मुझे अपना माना हो या ना माना हो,
दिल के करीब चाहे मेरी कोई जगह ना हो |

हैं चाहे मेरी हर आहट अब भी पराई,
मेरी हर कोशिश में मतलब दिखता हो |

ना जाने कैसे समझा पायेगें हम उसको,
जब वो हर बात से कुछ अन्जाना सा हो |

तुमसे इतना इश्क है,कैसे भूलें तुमको,
जब तुमको भूलना जिंदगी भूलने जैसा हो |

Wednesday, July 7, 2010

खुशी की बात करते हैं

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चल आज उन बीते लम्हों को याद करते हैं,
क्यूँ रोये हम, कुछ खुशी की बात करते हैं |

तेरे चेहरे के नूर का असर इस क़दर,
वो मेरे चेहरे पर खुशी का आगाज़ करते हैं |

इतनी बार बोला तुमने हमसे, कि प्यार है,
लो आज हम भी इज़हार-ऐ-मोहब्बत करते हैं |

Tuesday, June 29, 2010

दिल तेरी चाहत कर रहा है

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गुजरते हुए वक्त भी, खुद बदल रहा है,
मुझे में तेरा प्यार कुछ और संवर रहा है |

ये जानते हो तुम भी, ना चाहा था मैंने
पर ख़ामोश कब से ये दिल जल रहा है |

रहा तू सदा बेखबर क्यूँ मुझसे, पूछता
तेरे ख़ातिर दिल क्या ख़याल बुन रहा है |

वस्ले वक्त अब सामने, खत्म है इन्तेज़ार,
दिल अब मिलन का इंतज़ार कर रहा है |

Sunday, June 27, 2010

जी चाहता है

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सादगी पर तेरी, मर जाने को जी चाहता है,
बातों से तेरी जी, जाने को जी चाहता है,
मोहब्बत ऐसी ही राज़दार होती है, दोस्तों,
हर किसी का ये, राज़ जानने को जी चाहता है |

तेरे आंसूं मैं ले लूं अपनी पलकों पर,
सिर्फ हंसी छोड़ दूँ, तेरे दामन में,
किसी की मोहब्बत होना, है खुशनसीबी,
तू खुश रहे, तुझे खुश देखने का जी चाहता है |

Wednesday, June 23, 2010

तेरा शुक्रिया कर रहा होता

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ऐ दोस्त अगर तेरी दोस्ती का सहारा ना होता,
गम की ना जाने किन गलियों में भटक रहा होता |

क्यूँ वक्त ने बना दिए हैं फासले हमारे बीच,
अगर होता बस में मेरे, फासले कम कर रहा होता |

टूटा टूटा, बिखरा बिखरा था यहीं कहीं,
तूने समेटा प्यार से, वरना मैं बिखरा ही रहा होता |

Tuesday, June 22, 2010

निःशब्द हूँ मैं

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क्यूँ स्तब्ध हूँ मैं,
परिस्थितिवश या प्रेमवश,
निःशब्द हूँ मैं |

जीवन से प्यारे रिश्तों को,
यहीं छोड़ जाना है, यही सोच,
निःशब्द हूँ मैं |

Saturday, June 19, 2010

कितनी भी करो मोहब्बत कम लगे ...

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यूँ तो अब शहद भी मीठा ना लगे,
महक गुलाबों की, खुशबू ना लगे |

जीयो तुम जानेमन जी भर के,
एक जिंदगी कम होगी,तुमको मेरी उम्र लगे |

हसरतें पूरी होंगीं सारी तेरी,
चाहे तुझे अभी अपनी, खुशियाँ कम लगे |

Tuesday, June 8, 2010

चलो मिल जाएँ इसी बहाने

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आया है मौसम, आने वाली है फिर बरसात जाने,
रहे अब तलक दूर हम, चलो मिल जाएँ इसी बहाने |

सब रिश्ते चले जाते हैं, नहीं जाती ये दोस्ती,
क्यूँ याद रहती है, चाहे जाए कोई इसको लाख भुलाने |

गुलशन था तो तड़पता था, सहरा में मिली तेरी छांव,
याद नहीं,करे होंगें किसी जनम हमने अच्छे कारनामे |

Thursday, June 3, 2010

किस पर लिखूँ ?

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आज सोचता रहा तेरी किन अदाओं पर लिखूँ,
उन अदाओं से बार बार हुई मोहब्बतों पर लिखूँ |

अपने पहले पहल हुए मिलन की उत्सुकता पर,
या तेरे कूचे से वापसी की बोझिल साँसों पर लिखूँ |

उस दिन तेरे मेरे बीच की बातों मुलाकातों पर,
या उन बातों की मीठी मीठी यादों पर लिखूँ |

Harley Davidson iMix : Tez Dhaar

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Cut scenes from my Trip to Branson
Song idea was flashed when I was talking to my brother.

Tuesday, June 1, 2010

When dream comes true ...

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This is the obvious question to me now.
Everyone from my close circle is asking me, How I feel when my quite old dream came true.
Well
सच बोलूँ तो मेरे पास words ही नहीं हैं.
Riding this American Legend is an AWESOME.


Its just AWEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEESOME

Friday, May 28, 2010

उसकी तनहा रात, क्या यूँ ही चलेगी

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कब तक अशआर* की ये कहानी चलेगी,
कब तक यूँ पलकों में वो आंसूं रोकती रहेगी,
उसकी तनहा रात, क्या यूँ ही चलेगी ?

उसके सीने में गम, कब तक पलेगें यूँ ही,
रोती होगी खुद में, जग को हंसाती रहेगी |
उसकी तनहा रात, क्या यूँ ही चलेगी ?

Sunday, May 23, 2010

जब वो ठंडी हवा का झोंका आया

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कल शाम मैं जब उठा था रो कर,
बोझिल अपने ख्यालों से थका हार कर,
अचानक ज़ेहन में तेरा हंसीं चेहरा आया |
जब वो ठंडी हवा का झोंका आया |

ले गया वो अपने साथ मुझे,
और फिर तेरी यादों से मिलवाया |
मेरे चेहरे पे रौनक लौटा लाया,
जब वो ठंडी हवा का झोंका आया |

Saturday, May 22, 2010

रास्ते और मिल जायेगें

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वो कहते हैं हमसे कि, क्यों दीवाने हो,
राहें ज़िन्दगी की और चलो, लोग और मिल जायेगें |

माना यूँ तो मिलेगें लोग जिंदगी में और बहुत ,
पर कैसे कहें आप जैसे हमें यूँ कहाँ से मिल जायेगें |

गर जाना होगा तुमको, आंसूं कैसे रोकेगें रास्ता,
मुस्कुराहटों से तुझे वापस आने के बहाने मिल जायेगें |

Monday, May 17, 2010

तुझमें खुदा पाया

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लोग अब पूछते हैं उससे, तूने मोहब्बत में क्या पाया,
इश्क है ये, नहीं सौदेबाज़ी, मत पूछ क्या पाया |

याद नहीं पड़ता मुझे, कभी वो जिया अपने ख़ातिर,
जीते हुए दूसरों के लिए, उस शक्स ने कभी क्या पाया |

खुदा जाने, क्यों अश्क निकल पड़ते हैं मेरी आँखों से,
नहीं दर्द मिले, हुआ ये जब उसका ख्याल क्या आया |

Friday, May 14, 2010

मोहब्बत कम लगे

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यूँ तुझसे मेरा दिल अब जुड़ा जुड़ा सा लगे,
तेरे ख्वाब के आगे जहाँ का हर ख्वाब छोटा लगे |

डरता था हमेशा इश्क करने से, कतराता था मैं,
जिंदगी के इस मोड़ पर, तुझसे इश्क होता लगे |

पल में जाने आलम कैसे बदल गया सारा,
देखो अब इस फिज़ा में भी प्यार घुलता लगे |

Tuesday, May 11, 2010

इश्क हुआ लगता है

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तू है मेरा तो, ये जहाँ अपना लगता है |
कहते अशआर, तेरा साया पास लगता है | [अशआर = शेर का बहुवचन]

देखता हूँ जब बादलों में छिपे चाँद को,
वो घूंघट में छिपा तेरा मुखड़ा लगता है |

देखा है मैंने जब भी तुमको हमदम,
तू हमेशा मेरे दिल का टुकड़ा लगता है |

Sunday, May 9, 2010

अब जाने कहाँ !

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Its Mothers day today. And  its Mom. I am missing a lot. Being so much away from my family. On this day I am missing every one.  I always thought that why we are celebrating these days. Whats there to celebrate. But believe, it is worth celebrating, and 'em how much love we do. I am so much away from my family and I am missing that a lot. While writing this I was in public park. could not stop myself being emotional. Its true that my eyes were filled with tears, but nothing rolled off from my eye : my latest practice :)  Thanks to you ;)    
I miss all my family. I love them, with all of my heart.

_____ अब जाने कहाँ !______

चाहे कद बहुत ऊँचे हो गए हों हमारे,
पर बाबा, तुम्हारे कन्धों की ऊँचाई अब जाने कहाँ |

चाहे एसी कूलर  के झोंकों में रहते हों,
पर माँ, तेरे आँचल की शीतलता अब जाने कहाँ |

Saturday, May 8, 2010

आज कुछ अलग लिखते हैं

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आज कुछ अलग लिखते हैं,
छूटे देश और घर के बारे में लिखते हैं |

थोड़ा पानी हुए विवाद पर,
या फिर पानी जैसे बहे खून पर लिखते हैं |

अज़ीज़ खून के रिश्तों पर,
और जान से प्यारे दोस्तों पर लिखते हैं |

Saturday, May 1, 2010

अब उन्हें भी पता लगा

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जिंदगी ये साज़ सी सजने लगी,
सांसें ये सरगम सी बनने लगी |
लो, अब उन्हें भी पता लगा,
हमें उनसे मोहब्बत होने लगी |

पहली दफ़ा घर से उनके कूचे की,
ये सारी दूरियां कम लगने लगी |
लो, अब उन्हें भी पता लगा,
हमें उनसे मोहब्बत होने लगी |

Thursday, April 29, 2010

तुम ही तुम हो

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खिला दी है जिसने ये फिज़ा, वो गुनगुनाती धूप तुम हो,
हवा महकी भीनी भीनी सी, गुलाबों की वो खुशबू तुम ही  हो |

चाहे तुम आओ या ना आओ जिंदगी में मेरी,
कोई गिला नहीं तुमसे, तब भी बहार-ऐ-जिंदगी तुम ही हो |

क्या शिकायत होगी मुझ दीवाने को हिज्र के इस मौसम से,
तेरा इश्क है मुझ में, इस दिल की धड़कन तुम ही हो |

Tuesday, April 27, 2010

फ़रियाद खुदा से ...

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बहुत रोये हैं, अब तो कोई हँसने के बहाने दे दे,
खुदा कोई जीने की नहीं तो, मरने की वजह दे दे |

उनके गम का सबब तो बता दिया तूने,
अब उसको मिटाने का कोई तो इल्म दे दे |

वो कहते हैं हमसे कि, मत करो इन्तेज़ार मेरा,
कैसे कहें उससे की वो, उन्हें भूलने की वजह दे दे |

Monday, April 26, 2010

ये इत्तेफाक नहीं ...

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माना कि हाथों में हाथ नहीं,
मतलब उसका ये नहीं कि साथ नहीं |

मोहब्बत पर आया है वक्त कुछ ऐसा ही,
पर ऐसा नहीं कि उपरवाला साथ नहीं |

कभी है वक्त, कभी साथ नहीं,
वो कहते हैं, जिंदगी कोई मजाक नहीं |

Saturday, April 24, 2010

जब प्यार किसी से होता है !!!

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तेरे होने के अहसास से दिल में,
यूँ कुछ कुछ होता है,
इस क़दर चाहत है क्यूँ,
तेरे बिन दिल छुप छुप के रोता है |

आज वक्त साथ है, कल नहीं,
इस जिंदगी पर किसको भरोसा होता है |
मेरा इश्क, चाहे मेरी अमानत सही,
रब जाने तुझ पर, कब इसका असर होता है |

Friday, April 23, 2010

इश्क के मायने

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कभी ग़ालिब ने बोला,कभी कहा मीर ने,
कभी आसां नहीं होते ये रास्ते इश्क के |

मिली है लोगों को मंजिल यहाँ,
पर जले हैं, दिल भी बहुतों के |

जब तक नहीं की थी, मोहब्बत हमने,
पता नहीं था होंगें इतने रंग प्यार के |

Thursday, April 22, 2010

I see you

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It was long time,
When I saw in your eyes.
That was first time,
Heart said, " I see you."

Heart felt the beat again,
I sensed life again,
That was first time,
I felt "I love you."

Tuesday, April 20, 2010

ये तुझसे कहना है

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दिल्लगी मेरी फितरत नहीं,
दिल फेंकना मेरी आदत नहीं | 

तुझसे इश्क है मुझे,
यूँ बातें बनाना मेरा शौक नहीं |

तेरे सारे गम मैं कर लूं अपने,
तेरे अलावा मेरा हमदम और नहीं |

Monday, April 19, 2010

इश्क में ये होता है

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जिंदगी यूँ ही चल रही है,
ना चैन ना ही आराम है |

बरस रहे हैं बेशुमार वक़्त के अंगारे,
जल रहा है दिल, जाने कहाँ शीतलता है |

रोता है दिल ही दिल में ही,
यारों के संग सिर्फ चेहरा ही हँसता है |

उसमें, कुछ तो बात होगी

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वो मुझे यूँ याद आती है,
उसमें, कुछ तो बात होगी |
कभी सोचा ना था,
किसी पे ज़िन्दगी यूँ फ़िदा होगी |

चाहे इनकार, इकरार का माहौल नहीं,
पर उसमें, कुछ तो बात होगी |
बिन कहे मेरे दर्द समझता है वो,
क्या हाल-ऐ-दिल है मेरा, वो खूब जानती होगी |

निभाओ तो मोहब्बत है

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पल पल बीतते वक्त के साथ,
चल रहे राह-ऐ-जिस्त पर हम साथ साथ,

जीने के बहाने बन गए हैं आप,
माना कुछ वक्त ही हुआ है हमें साथ |

कहते हैं वो हमसे कोई नहीं मरता किसी के लिए,
सिर्फ साँसे लेता है, जीता जाने मरता है यादों के साथ |

वो करता है किसी का इन्तेज़ार, हमें पता है वो हम नहीं,
फिर भी हैं साँसे रोक कर तुम्हारे साथ |

Friday, April 16, 2010

किसने कहा मैं जीता हूँ |

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किसने कहा मैं जीता हूँ,
साँसों को इस जिस्म से सीता हूँ,
किसने कहा मैं जीता हूँ |

यादों के जंगले में खोता हूँ,
अरमानों और खवाबों के सहारे चलता हूँ,
किसने कहा मैं जीता हूँ |

ठोकरें बहुत लगी हैं, ज़ख़्मी हैं,
यूँ मरहम की तलाश में फिरता हूँ,
किसने कहा मैं जीता हूँ |

Wednesday, April 14, 2010

एक सज़ा है ...

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मान लूं तुमको अपना, गर तेरी रज़ा है,
तेरे जैसे हमसफ़र के बिन जीना,  एक सज़ा है |

तिशनगी नहीं है ये बड़ी,    [ तिशनगी= प्यास ]
प्यासे रहना दरिया के किनारे , एक सज़ा है

नाराजगी की वजह से नावाकिफ हूँ,
और तेरा यूँ गुमसुम सा,चुप रहना, एक सज़ा है |

Saturday, April 10, 2010

ये खता है या वफ़ा ?

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चलने के वादे थे, हम साथ चलते गए,
ये कैसे हुआ, हम तेरे क्यूँ हो गए |

रास्ते बहुत सीधे थे तुम्हारी मंजिल के,
फिर रास्तों में ही हम क्यूँ खो गए |

तुझे अपना मान बैठे, उफ़ क्या खता की
किसी की अमानत हो, ये कैसे भूल गए |

Friday, April 9, 2010

तुमसे है गुज़ारिश

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सिलसिला ये चाहतों का ना सही,
चाहे ये तेरी मेरी तकरार का ही हो |

हम दोनों के बीच प्यार की बातें ना सही,
दोस्ती का एक नाम, एक निशान तो हो |

कौन कहता है की निभती है, मोहब्बत पास रहने से,
हमने तो सीखा, कैसे भी बस प्यार निभाते रहो |

Wednesday, April 7, 2010

ऐ ज़िन्दगी तू क्या चाहती है

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माना ऐ ज़िन्दगी तू जीने देती है,
पर क्यूँ इतनी बेरहम होती  है |

देती है खुशियाँ मानता हूँ,
मगर उससे ज्यादा दर्द क्यूँ  देती है |

एक कदम चल भी नहीं पाते,
क्यूँ चलने के सहारे छीन लेती है |

मैं कहूँ, कभी तो वो सुने

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 कभी तो वो मुझे भी सुने,
जब कहूँ उससे कुछ, कभी तो वो हँसे |

यूँ अलग थलग सी जी रहे हैं जिंदगी,
साथ दें एक दूसरे का,कभी तो हम मिल कर जियें |

टुकड़े टुकड़े बहुत हुआ दोनों का दिल,
उन टुकडों को जोड़ कर, कभी तो दिल की बात करें |

A True Console

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When sadness have compromised life,
Problems have cut me like knife.
Each moment and every time,
A new storm have approached,

They have squared me,
They made me floored.
But after every storm,
I found myself flourished.


I have gone through hell of pain,
Problems showered on me as rain,
Difficulties and problems, after each one,
I've found myself a better person.

Whenever the hammer of time strikes,
I have repeated this in heart,
Have stone been a statue by carving
If it is afraid of stroke of hammer.

Tuesday, April 6, 2010

You are The DESTINATION

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I loved you yesterday,
I love you still.
You are always on my heart,
And you always will...

you tell that,
I should find someone else,
life never ran as you thought,
it never will,

with the flow of Air,
it will keep rotating,
life is life,
not just a windmill,

Flight AA 293 : Delhi to Chicago

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Well, Well, at last on the course of my first international flight,
हर मुसाफिर की तरह मैं भी, चला था अपनी मंजिल की जानिब.
Having all kind of mix feelings in side me, in the history biggest wave of feels, क्यूँ की इतिहास की सबसे अलग चीज़ जो होने वाली थी | I was coming leaving my land and getting the designation of an alien.
After meeting everyone promises of being in touch, who knows internet with them promise of mail trails, some close who need little long conversation promised for Gtalk or Skype (over the telephonic line, conversation will be costly, ohh God material is coming) things are getting materialistic. NO just to listen the silence  between the conversations, because something they speak more then words.
ok it should be my travelog, not just what I am feeling, for that I have poems, :) और उसके लिए किसी ने व्यंग से बोला कि इतना सोचने के लिए जाट के पास दिमाग कहाँ से आया | वैसे recently किसी ने बोला कि तू जाट रहा ही नहीं, क्यूंकि तेरे पास जाटों की, root  property  नहीं है, क्यूँ की तेरे पास दिमाग है, इसका पता नहीं चला की ये comment  है या compliment |

Saturday, April 3, 2010

We and our fate

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Yes, we are on distant land,
Hands are yet to be in hand.

Yup its is very true,
Bad time, We have gone through.

My faith says, aloud,
Yes you are different from crowd.

Wednesday, March 31, 2010

अंतर्मन द्वंद : एक पंथी, एक प्रेमी और एक मित्र

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कर्म रथ है चलता रहता,
कर्म पथ है बदलता रहता,
ऐ पंथी तू काहे को घबराता |

समय चक्र यूँ चलता रहता,
सुख दुःख आता जाता रहता,
ऐ पंथी तू काहे को घबराता |

Sunday, March 28, 2010

यूँ वो मेरा दोस्त बना

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यूँ वो मेरा दोस्त बना |
चलते चलते यूँ  हमसफ़र बना,
यूँ वो मेरा दोस्त बना |

कभी वो मेरा राज़दार हुआ न हुआ |
ज़िन्दगी भर के लिए, हमराज़ बना,
यूँ वो मेरा दोस्त बना |