Wednesday, July 21, 2010

जब इश्क मजबूर नज़र आता हो

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तूने मुझे अपना माना हो या ना माना हो,
दिल के करीब चाहे मेरी कोई जगह ना हो |

हैं चाहे मेरी हर आहट अब भी पराई,
मेरी हर कोशिश में मतलब दिखता हो |

ना जाने कैसे समझा पायेगें हम उसको,
जब वो हर बात से कुछ अन्जाना सा हो |

तुमसे इतना इश्क है,कैसे भूलें तुमको,
जब तुमको भूलना जिंदगी भूलने जैसा हो |

Wednesday, July 7, 2010

खुशी की बात करते हैं

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चल आज उन बीते लम्हों को याद करते हैं,
क्यूँ रोये हम, कुछ खुशी की बात करते हैं |

तेरे चेहरे के नूर का असर इस क़दर,
वो मेरे चेहरे पर खुशी का आगाज़ करते हैं |

इतनी बार बोला तुमने हमसे, कि प्यार है,
लो आज हम भी इज़हार-ऐ-मोहब्बत करते हैं |