Wednesday, October 27, 2010

अनकहे लफ्ज़

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कभी कुछ तो कह पाऊँ खामोश हूँ कब से,
चुरा ले जाती हो क्यों मेरी नींद यूँ मुझ से

प्यार है बेइन्तेहाँ ये माना है मैंने,
हिम्मत ना जुटा पाया कि कह दूँ तुझ से

कोई ना जाने, हाले दिल जानूँ बस मैं,
चुप हूँ जब से प्यार का एहसास यूँ तुझ से

Sunday, October 17, 2010

Video Blog : तन्हा रास्ते

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