Thursday, April 29, 2010

तुम ही तुम हो

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खिला दी है जिसने ये फिज़ा, वो गुनगुनाती धूप तुम हो,
हवा महकी भीनी भीनी सी, गुलाबों की वो खुशबू तुम ही  हो |

चाहे तुम आओ या ना आओ जिंदगी में मेरी,
कोई गिला नहीं तुमसे, तब भी बहार-ऐ-जिंदगी तुम ही हो |

क्या शिकायत होगी मुझ दीवाने को हिज्र के इस मौसम से,
तेरा इश्क है मुझ में, इस दिल की धड़कन तुम ही हो |

Tuesday, April 27, 2010

फ़रियाद खुदा से ...

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बहुत रोये हैं, अब तो कोई हँसने के बहाने दे दे,
खुदा कोई जीने की नहीं तो, मरने की वजह दे दे |

उनके गम का सबब तो बता दिया तूने,
अब उसको मिटाने का कोई तो इल्म दे दे |

वो कहते हैं हमसे कि, मत करो इन्तेज़ार मेरा,
कैसे कहें उससे की वो, उन्हें भूलने की वजह दे दे |

Monday, April 26, 2010

ये इत्तेफाक नहीं ...

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माना कि हाथों में हाथ नहीं,
मतलब उसका ये नहीं कि साथ नहीं |

मोहब्बत पर आया है वक्त कुछ ऐसा ही,
पर ऐसा नहीं कि उपरवाला साथ नहीं |

कभी है वक्त, कभी साथ नहीं,
वो कहते हैं, जिंदगी कोई मजाक नहीं |

Saturday, April 24, 2010

जब प्यार किसी से होता है !!!

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तेरे होने के अहसास से दिल में,
यूँ कुछ कुछ होता है,
इस क़दर चाहत है क्यूँ,
तेरे बिन दिल छुप छुप के रोता है |

आज वक्त साथ है, कल नहीं,
इस जिंदगी पर किसको भरोसा होता है |
मेरा इश्क, चाहे मेरी अमानत सही,
रब जाने तुझ पर, कब इसका असर होता है |

Friday, April 23, 2010

इश्क के मायने

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कभी ग़ालिब ने बोला,कभी कहा मीर ने,
कभी आसां नहीं होते ये रास्ते इश्क के |

मिली है लोगों को मंजिल यहाँ,
पर जले हैं, दिल भी बहुतों के |

जब तक नहीं की थी, मोहब्बत हमने,
पता नहीं था होंगें इतने रंग प्यार के |

Thursday, April 22, 2010

I see you

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It was long time,
When I saw in your eyes.
That was first time,
Heart said, " I see you."

Heart felt the beat again,
I sensed life again,
That was first time,
I felt "I love you."

Tuesday, April 20, 2010

ये तुझसे कहना है

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दिल्लगी मेरी फितरत नहीं,
दिल फेंकना मेरी आदत नहीं | 

तुझसे इश्क है मुझे,
यूँ बातें बनाना मेरा शौक नहीं |

तेरे सारे गम मैं कर लूं अपने,
तेरे अलावा मेरा हमदम और नहीं |

Monday, April 19, 2010

इश्क में ये होता है

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जिंदगी यूँ ही चल रही है,
ना चैन ना ही आराम है |

बरस रहे हैं बेशुमार वक़्त के अंगारे,
जल रहा है दिल, जाने कहाँ शीतलता है |

रोता है दिल ही दिल में ही,
यारों के संग सिर्फ चेहरा ही हँसता है |

उसमें, कुछ तो बात होगी

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वो मुझे यूँ याद आती है,
उसमें, कुछ तो बात होगी |
कभी सोचा ना था,
किसी पे ज़िन्दगी यूँ फ़िदा होगी |

चाहे इनकार, इकरार का माहौल नहीं,
पर उसमें, कुछ तो बात होगी |
बिन कहे मेरे दर्द समझता है वो,
क्या हाल-ऐ-दिल है मेरा, वो खूब जानती होगी |

निभाओ तो मोहब्बत है

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पल पल बीतते वक्त के साथ,
चल रहे राह-ऐ-जिस्त पर हम साथ साथ,

जीने के बहाने बन गए हैं आप,
माना कुछ वक्त ही हुआ है हमें साथ |

कहते हैं वो हमसे कोई नहीं मरता किसी के लिए,
सिर्फ साँसे लेता है, जीता जाने मरता है यादों के साथ |

वो करता है किसी का इन्तेज़ार, हमें पता है वो हम नहीं,
फिर भी हैं साँसे रोक कर तुम्हारे साथ |

Friday, April 16, 2010

किसने कहा मैं जीता हूँ |

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किसने कहा मैं जीता हूँ,
साँसों को इस जिस्म से सीता हूँ,
किसने कहा मैं जीता हूँ |

यादों के जंगले में खोता हूँ,
अरमानों और खवाबों के सहारे चलता हूँ,
किसने कहा मैं जीता हूँ |

ठोकरें बहुत लगी हैं, ज़ख़्मी हैं,
यूँ मरहम की तलाश में फिरता हूँ,
किसने कहा मैं जीता हूँ |

Wednesday, April 14, 2010

एक सज़ा है ...

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मान लूं तुमको अपना, गर तेरी रज़ा है,
तेरे जैसे हमसफ़र के बिन जीना,  एक सज़ा है |

तिशनगी नहीं है ये बड़ी,    [ तिशनगी= प्यास ]
प्यासे रहना दरिया के किनारे , एक सज़ा है

नाराजगी की वजह से नावाकिफ हूँ,
और तेरा यूँ गुमसुम सा,चुप रहना, एक सज़ा है |

Saturday, April 10, 2010

ये खता है या वफ़ा ?

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चलने के वादे थे, हम साथ चलते गए,
ये कैसे हुआ, हम तेरे क्यूँ हो गए |

रास्ते बहुत सीधे थे तुम्हारी मंजिल के,
फिर रास्तों में ही हम क्यूँ खो गए |

तुझे अपना मान बैठे, उफ़ क्या खता की
किसी की अमानत हो, ये कैसे भूल गए |

Friday, April 9, 2010

तुमसे है गुज़ारिश

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सिलसिला ये चाहतों का ना सही,
चाहे ये तेरी मेरी तकरार का ही हो |

हम दोनों के बीच प्यार की बातें ना सही,
दोस्ती का एक नाम, एक निशान तो हो |

कौन कहता है की निभती है, मोहब्बत पास रहने से,
हमने तो सीखा, कैसे भी बस प्यार निभाते रहो |

Wednesday, April 7, 2010

ऐ ज़िन्दगी तू क्या चाहती है

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माना ऐ ज़िन्दगी तू जीने देती है,
पर क्यूँ इतनी बेरहम होती  है |

देती है खुशियाँ मानता हूँ,
मगर उससे ज्यादा दर्द क्यूँ  देती है |

एक कदम चल भी नहीं पाते,
क्यूँ चलने के सहारे छीन लेती है |

मैं कहूँ, कभी तो वो सुने

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 कभी तो वो मुझे भी सुने,
जब कहूँ उससे कुछ, कभी तो वो हँसे |

यूँ अलग थलग सी जी रहे हैं जिंदगी,
साथ दें एक दूसरे का,कभी तो हम मिल कर जियें |

टुकड़े टुकड़े बहुत हुआ दोनों का दिल,
उन टुकडों को जोड़ कर, कभी तो दिल की बात करें |

A True Console

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When sadness have compromised life,
Problems have cut me like knife.
Each moment and every time,
A new storm have approached,

They have squared me,
They made me floored.
But after every storm,
I found myself flourished.


I have gone through hell of pain,
Problems showered on me as rain,
Difficulties and problems, after each one,
I've found myself a better person.

Whenever the hammer of time strikes,
I have repeated this in heart,
Have stone been a statue by carving
If it is afraid of stroke of hammer.

Tuesday, April 6, 2010

You are The DESTINATION

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I loved you yesterday,
I love you still.
You are always on my heart,
And you always will...

you tell that,
I should find someone else,
life never ran as you thought,
it never will,

with the flow of Air,
it will keep rotating,
life is life,
not just a windmill,

Flight AA 293 : Delhi to Chicago

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Well, Well, at last on the course of my first international flight,
हर मुसाफिर की तरह मैं भी, चला था अपनी मंजिल की जानिब.
Having all kind of mix feelings in side me, in the history biggest wave of feels, क्यूँ की इतिहास की सबसे अलग चीज़ जो होने वाली थी | I was coming leaving my land and getting the designation of an alien.
After meeting everyone promises of being in touch, who knows internet with them promise of mail trails, some close who need little long conversation promised for Gtalk or Skype (over the telephonic line, conversation will be costly, ohh God material is coming) things are getting materialistic. NO just to listen the silence  between the conversations, because something they speak more then words.
ok it should be my travelog, not just what I am feeling, for that I have poems, :) और उसके लिए किसी ने व्यंग से बोला कि इतना सोचने के लिए जाट के पास दिमाग कहाँ से आया | वैसे recently किसी ने बोला कि तू जाट रहा ही नहीं, क्यूंकि तेरे पास जाटों की, root  property  नहीं है, क्यूँ की तेरे पास दिमाग है, इसका पता नहीं चला की ये comment  है या compliment |

Saturday, April 3, 2010

We and our fate

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Yes, we are on distant land,
Hands are yet to be in hand.

Yup its is very true,
Bad time, We have gone through.

My faith says, aloud,
Yes you are different from crowd.