Tuesday, April 20, 2010

ये तुझसे कहना है

दिल्लगी मेरी फितरत नहीं,
दिल फेंकना मेरी आदत नहीं | 

तुझसे इश्क है मुझे,
यूँ बातें बनाना मेरा शौक नहीं |

तेरे सारे गम मैं कर लूं अपने,
तेरे अलावा मेरा हमदम और नहीं |

गुजरा ज़िन्दगी के रास्तों से तनहा,
और चलूँ तनहा, इसकी हसरत नहीं |

दिल-ऐ-नादाँ का सच कहा है तुम्हें,
तेरे अलावा मेरी आरज़ू और नहीं |

'नूर' और क्या बयां करे तेरे बारे में,
इस जहाँ में तुझ सा कोई अपना नहीं |

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