Sunday, March 28, 2010

यूँ वो मेरा दोस्त बना


यूँ वो मेरा दोस्त बना |
चलते चलते यूँ  हमसफ़र बना,
यूँ वो मेरा दोस्त बना |

कभी वो मेरा राज़दार हुआ न हुआ |
ज़िन्दगी भर के लिए, हमराज़ बना,
यूँ वो मेरा दोस्त बना |

मेरी गलतियों पे वो नाराज़ हुआ |
अँधेरी राहों में, इक चिराग बना, 
यूँ वो मेरा दोस्त बना |

खुद को जलाया उसने बहुत |
मेरी खातिर, वो खुद राख बना,
यूँ वो मेरा दोस्त बना |

जाने अनजाने उसे दर्द बहुत दिए|
मेरी नासमझियों को बहुत सहा,
यूँ वो मेरा दोस्त बना |

मैंने बस तेरी दोस्ती को सलाम किया,
दोस्तों में अव्वल तू खुद बना,
यूँ वो मेरा दोस्त बना |

0 comments :

Post a Comment