Monday, March 1, 2010

तेरा प्यार चाहिए !!!


जीते हम सब यहाँ एक जिंदगी,
सबको यहाँ एक साथ चाहिए|

माना अकेले आये थे, अकेले जायेगें,
पर बीच के वक्त, एक हमदम चाहिए |

सुना है हर सहारे को भी एक सहारा चाहिए,
बहता दरिया हूँ मैं, मुझे भी किनारा चाहिए |

कर सकूँ जिससे प्यार की दो बात,
वो यार, वो प्यार चाहिए |

वो कहते है, वो रह लेगें अकेले,
पर उनके अकेलेपन को, उनकी मंज़िल का पता चाहिए |

माना उन्हें नहीं है सहारे की ज़रूरत,
उन्हें ज़िंदगी बस,किसी की यादों के सहारे चाहिए |

मैं हूँ यहाँ तन्हा,गुमसुम अकेला,
मुझे कुछ सवालों के जवाब चाहिए |

अब कैसे पूछूँ उनसे, जब वो सुने ही ना,
उन्हें ना मेरी आवाज़, ना मेरा नज़ारा चाहिए |

मैं टूटा हूँ बहुत, उनकी मोहब्बत ने फिर जान डाल दी,
मिली जब ज़िंदगी वापस,मुझे उनका एहसान मानना चाहिए |

वो कहते हैं हमसे, क्या आज तक तुम जीते नहीं आए,
सिर्फ़ साँस लेना जीना नहीं, जीने का इक बहाना चाहिए |

तेरे बिना अब तक जिया हूँ मैं,
इस तन्हा इंसान, को तेरा प्यार चाहिए |

अब तो आजा ओ जालिम, ज़िंदगी में वापस,
तेरी आँखों में मुझे, अपना नज़ारा चाहिए |

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