Sunday, May 23, 2010

जब वो ठंडी हवा का झोंका आया

कल शाम मैं जब उठा था रो कर,
बोझिल अपने ख्यालों से थका हार कर,
अचानक ज़ेहन में तेरा हंसीं चेहरा आया |
जब वो ठंडी हवा का झोंका आया |

ले गया वो अपने साथ मुझे,
और फिर तेरी यादों से मिलवाया |
मेरे चेहरे पे रौनक लौटा लाया,
जब वो ठंडी हवा का झोंका आया |

देर तक की मैंने तेरी यादों से बातें,
दर्द और गम को कोसों दूर पाया |
वो इश्क के उन दिनों में घुमा लाया,
जब वो ठंडी हवा का झोंका आया |

याद होगा, तुम्हारा वो चुपके से आना,
हाथ रख आँखों पे और पूछना 'पहचाना '?
आँखों पे वो नरम स्पर्श फिर लौटा लाया,
जब वो ठंडी हवा का झोंका आया |

इतनी सजीव थी यादें वो तेरी,
अपने हाथों में मैंने तेरा हाथ पाया |
हंसी लम्हों की सौगात ले आया,
जब वो ठंडी हवा का झोंका आया |

उन घड़ियों में, उन लम्हों में,
मैंने बस प्यार को यूँ गुंथा पाया |
रोम रोम में मैंने तेरा प्यार बसाया,
जब वो ठंडी हवा का झोंका आया |

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