Friday, May 14, 2010

मोहब्बत कम लगे


 
यूँ तुझसे मेरा दिल अब जुड़ा जुड़ा सा लगे,
तेरे ख्वाब के आगे जहाँ का हर ख्वाब छोटा लगे |

डरता था हमेशा इश्क करने से, कतराता था मैं,
जिंदगी के इस मोड़ पर, तुझसे इश्क होता लगे |

पल में जाने आलम कैसे बदल गया सारा,
देखो अब इस फिज़ा में भी प्यार घुलता लगे |

क्या फरक है, तुझे से दूर हूँ या पास हूँ मैं,
मुझे तो तू यार, दिल और जान के जैसा लगे |

जिसकी चाहत है इस रूह को हमेशा,
तेरा चेहरा ही, वो हमराज़ वो हमदम सा लगे |

तू भी तो था इस अनजानी भीड़ में एक चेहरा,
तुझे देख दिल पूछा, ये मुझे क्यों अपना लगे |

तू इस तरह से अब मेरी जिंदगी में शामिल है,
सारी ख्वाहिशें, तेरा हर इक सपना अपना लगे |

इतनी मोहब्बत तो तू करती है मुझसे,
फिर भी इस दिल को तेरा प्यार कम सा लगे |

कुछ इस तरह छुपा लूं तुमको अपनी आँखों में,
मेरी दोस्त,तुमको इस जहाँ की नज़र ना लगे |

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