Saturday, May 22, 2010

रास्ते और मिल जायेगें

वो कहते हैं हमसे कि, क्यों दीवाने हो,
राहें ज़िन्दगी की और चलो, लोग और मिल जायेगें |

माना यूँ तो मिलेगें लोग जिंदगी में और बहुत ,
पर कैसे कहें आप जैसे हमें यूँ कहाँ से मिल जायेगें |

गर जाना होगा तुमको, आंसूं कैसे रोकेगें रास्ता,
मुस्कुराहटों से तुझे वापस आने के बहाने मिल जायेगें |

किसी के दिल का रास्ता यूँ ही हसींन नहीं होता,
ढूंढोगी तो प्यार करने के भी सौ बहाने मिल जायेगें |

रूठे हो तुम ये गम है,और गम नहीं किसी का,
खुशी के तो मुझे, तेरी हंसी में सौ बहाने मिल जायेगें |

माना हसीन हो तुम, ज़माना तुम्हारा है,
इक 'नूर' क्या, तुझे तो लाखों दीवाने मिल जायेगें |

Video :

1 comments :

Anonymous said...

Achche bhav ....par mera kaam doosra hai !!!

Matle ka sher hai hi nahi
radeef baki shero se nakala jaye to wo hai - mil jayenge,jo 3rd sher mein missing hai

Matle ka sher nahi hai siliye kafiya nikalna mushkil hai.lekin fir bhi agar baki sher dekhe jaye to kafiya hai ने. jo ki 1st or 2nd sher mein missing hai

to abhi to radeef aur kafiye mein hi sankat hai .......kosis karo.

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