Sunday, September 19, 2010

तेरे ख्यालों में


समंदर की ताज तुम लहरें, कैसे तुम्हारा नसीब ना होगा
तैरोगी सरहदे समंदर, साहिल पे आके तुमको टूटना होगा |

मुझे दर्द ओ गम है, डर है तुमसे जुदाई का
डरता ना हो, ऐसा इस जहान में कोई इंसान ना होगा |

यूँ तो दिखलाता है बखूबी, कि तू पत्थर दिल है,
माने गर तेरी बात, सीने में धड़कन जैसा कुछ ना होगा |

पर उसमें भी है धड़कन, जो दिल तेरे सीने में हैं,
अब ज़ज्बात भरे हों जिसमें बेंतेहाँ, वो पत्थर ना होगा |

यूँ करवटें बदलता ही रहेगा वो रात भर बेचैनी में,
नींद ना होगी तो उसकी आँखों में सुनहरा ख्वाब ना होगा |

तुम हो फ़रिश्ते जैसे पाक, क्या कसूर 'नूर' का,
हम तो संभल जाएँ पर कैसे ज़माना तेरा आशिक ना होगा |

1 comments :

sanjeev kumar said...

Fariston ki baate karate ho, phir aap unaki baaten karate ho.
jamane ki baaten karate ho, hame phir se rulane ki baaten karate ho.
Unaki yaad dila kar bar-bar, aap mera bhi bura haal karate ho.
Mere jakhm mujhe hi dikhate ho, Alok jee "aap bhi kamal karate ho".

aap bhi kamal karate ho - By Salman Khan in Dabang

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