वो नहीं मेरा, मगर उससे मोहब्बत है, तो है,
ये अगर रस्मों रिवाजों से बगावत है, तो है |
सच को मैंने सच कहा,जब कह दिया तो कह दिया,
अब ज़माने की नज़र में ये हिमाकत है, तो है |
दोस्त बनकर दुश्मनों सा,वो सताता है मुझे,
फिर भी उस जालिम पे मरना अपनी फितरत है, तो है |
कब कहा मैंने कि वो मिल जायें मुझे,
उसकी बाहों में दम निकले, पर इतनी हसरत है, तो है |
वो साथ है तो जिंदा हूँ,
मेरी सांसों को उसकी ज़रूरत है,तो है !
पलकें बिछाए बैठा हूँ राहों में,
दिल को उसके आने का यकीं है, तो है !
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3 comments :
perfect writing except last misra...ummid is not fitting in it :P
What should be best fitting word over there then ?
Kindly suggest !!!
wah wah... mazza aa gaya :)
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