ना रहो चुप तुम, यूँ ही चुप रहना अपनों का, कहर होता है,
दुश्मनों की साज़िश और दोस्तों की चुप्पी में ज़हर होता है |
साथ नहीं हो तुम तो क्या 'नूर', तुम्हारा नज़ारा तो नज़र होता है |
सदायें नहीं आती कानों तक, पर उनकी दुआओं में वो ही असर होता है |
कब चाहा के मिल जाओ मुझे, हर पल तेरी ख़ुशी का इंतज़ार होता है |
कोई नाम ना दो, कौन हैं हम तुम्हारे ये बताना ज़रूरी थोड़े ना होता है |
कौन कहता है के दूर हो, ख्यालों में अक्सर आना जाना होता है |
सिर्फ पास रह कर नहीं निभते, दूर रह कर भी रिश्ता निभाना होता है |
see the second version or collab with Sandesh Boss,
Click here to open Collab
0 comments :
Post a Comment