हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई, सबको इसने अपने में समाया
मैंने सोचा कि सोचें इतने सालों में हमने क्या खोया पाया
कुछ भूख से रोते बिलखते बच्चों को भूखे पेट सोता पाया
शहीद जवानों के मौत के सदमे से माँ को पत्थर हुआ पाया
Written by Akki at 11:45 PM
Labels: happyness , hope , loneliness , love , myWords , platonic love , poem , Separation
Written by Akki at 11:45 PM
Labels: distant love , happyness , hope , loneliness , love , pain , platonic love , trust , words2you