तेरी आँखें इस दिल को धड़का देतीं है,
तेरी तरफ आई हवा, ये समाँ महका देतीं है |
बिताए हमने सिर्फ कुछ पल साथ थे,
बीते वक़्त की बातें चहरे पर हंसी ला देतीं है |
आज तू साथ नहीं, तो क्या हुआ,
तेरी यादें तो मेरा साथ देतीं हैं |
क्या हम कहें ज़माने से, के कौन हो तुम,
मेरी साँसें, तुमको ज़िंदगी का नाम देतीं हैं |
महफिलें तो बेरंग ही होतीं हैं यहाँ,
तेरे होने का ख़्याल, उनमें रौनकें ला देतीं है |
इंतेज़ार पता नहीं क्या रंग लाएगा,
पर तेरी यादें, हमें हँसना सीखा देतीं है |
जीते हैं लोग जन्नत की तमन्ना लेकर,
तेरी तम्मानायें मुझे जीना सीखा देतीं है |
2 comments :
subhan allah!!!
Dost..U have touched my heart. The words I feel resembles to my story.
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