दिल के करीब चाहे मेरी कोई जगह ना हो |
हैं चाहे मेरी हर आहट अब भी पराई,
मेरी हर कोशिश में मतलब दिखता हो |
ना जाने कैसे समझा पायेगें हम उसको,
जब वो हर बात से कुछ अन्जाना सा हो |
तुमसे इतना इश्क है,कैसे भूलें तुमको,
जब तुमको भूलना जिंदगी भूलने जैसा हो |