मुझे में तेरा प्यार कुछ और संवर रहा है |
ये जानते हो तुम भी, ना चाहा था मैंने
पर ख़ामोश कब से ये दिल जल रहा है |
रहा तू सदा बेखबर क्यूँ मुझसे, पूछता
तेरे ख़ातिर दिल क्या ख़याल बुन रहा है |
वस्ले वक्त अब सामने, खत्म है इन्तेज़ार,
दिल अब मिलन का इंतज़ार कर रहा है |